‘ दूसरों ' को दो भागों में बाँटना आवश् यक हो जाता है।
3.
अर्थशास्त्री (कीनेज के बाद से) सामान्य उपभोग के पद को दो भागों में बाँटना पसंद करते हैं;
4.
अर्थशास्त्री (कीनेज के बाद से) सामान्य उपभोग के पद को दो भागों में बाँटना पसंद करते हैं;
5.
वे केवल संभव वायदा है कि किसी भी स्थान से दो भागों में बाँटना की एक अनंत सेट में मौजूद हैं.
6.
सब के सब चुगलखोर, चरित्राहीन, क्रूर, गँवार।‘ सीदी मौला कहते रहे-'वह भारतीय जनता को दो भागों में बाँटना चाहता है-हिन्दू और मुसलमान।
7.
अर्थशास्त्री (कीनेज के बाद से) सामान्य उपभोग के पद को दो भागों में बाँटना पसंद करते हैं ; निजी उपभोग और सार्वजनिक क्षेत्र का (या सरकारी) खर् च.
8.
घर के कचरे को दो भागों में बाँटना चाहिए पहला हरा या रसोई का कचरा जिसमें सब्जियों के छिक्कल, चाय की पत्ती आदि होते हैं और सूखा कचरा जिसमें कागज, प्लास्टिक और धातु आदि होते हैं।